लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6 भाग 7 रक्षा का भारत आना ८भाग २१भ

२६-- रानी का स्वप्नलोक-  

उधर दीपक और रानी अपने घर पहुंचने से पहले रास्ते भर गाड़ी में श्रेया और श्रवन की बच्ची के बारे में ही बात करते रहे। घर पहुंच कर भी बहुत रात तक रानी और दीपक दोनों उस बच्ची के बारे में ही बात करते रहे। बात करते-करते वह दोनों कितने खुश थे। रानी कह रही थी, मेरा तो मन ही नहीं कर रहा था। उसे छोड़कर आने का, लेकिन मजबूरन आना पड़ा। दीपक बोला- अरे यार दूसरे के बच्चे से हम बच्चे वाले थोड़ी हो जाएंगे।उसको खिला कर हम खुश भले हो सकते हैं। लेकिन वह हमारी बच्ची नहीं है, हमें अपना बच्चा चाहिए। भगवान से यही दुआ करते हैं, कि हमें अपना कहने के लिए एक बच्चा दे दें। इसीलिए मैं श्रवन से बात कर रहा था, कि उसने श्रेया को किस डॉक्टर को दिखाया था। कैसे उसके जीवन में यह खुशी आई। वह मुझे बता ही रहा था, कि तब तक तुम्हारा फोन आ गया और वह बात बताते बताते वह रह गया। कोई बात नहीं मैं श्रवन से फिर बात करूंगा इसके बारे में। तब तक रानी बोली- अरे जी कल छोड़ देते हैं, परसों हम फिर श्रेया की बच्ची से मिलने चलेंगे। फिर उसको खिलाएंगे, दीपक ने सुनकर हां कर दिया और कहा-  कि अब बहुत रात हो चुकी है, अब चलो सो जाते हैं, सुबह उठना भी है, रानी ने शुभरात्रि .....बोला, और आंखें बंद कर ली। दीपक ने जवाब में शुभरात्रि बोल कर करवट बदल आंखें मूद ली।

रानी सोते-सोते भी श्रेया की बेटी को खिला रही थी। पूरी रात स्वप्न में वह उसके साथ खेलती रही, और सुबह जब उसकी आंख खुली तो वह सुहानी सपनों में खोई हुई सी दिख रही थी। दीपक ने पूछा - क्या हुआ? तो रानी बहुत खुश होते हुए बोली कि मैं रात भर सपने में श्रेया की बेटी के साथ ही खेल रही थी। दीपक रानी की सपने वाली बात सुनकर अंदर ही अंदर बहुत परेशान हो रहा था। दीपक सोच रहा था, यार क्या करूं? कैसे करूं? जो रानी को खुश कर पाऊं। हे भगवान हमारी भी सुन ले और हमें भी एक बच्चा दे दें। तो हमारा जीवन भी खुशहाल बन जाए। दीपक सोच में पड़ा था।

उतने में रानी चाय लेकर कमरे में आई और दीपक से चाय पीने को कहा- रानी और दीपक  बैठकर एक साथ चाय पी और चाय पीने के बाद दीपक नहाने चला गया, क्योंकि उसको ऑफिस जाना था। चाय पीकर रानी भी किचन में चली गई। उसने दीपक के लिए नाश्ता बनाया। नाश्ता बनते ही रानी ने दीपक को आवाज लगाई और कहा- कि आइए नाश्ता तैयार है, और वह किचन से नाश्ता लेकर बाहर आई। उसमें नाश्ता मेज पर  लगा दिया। दीपक तैयार होकर बाहर आया और उसने नाश्ता किया नाश्ता करने के बाद अपना बैग उठाकर वह ऑफिस के लिए निकल गया। रानी दरवाजे पर खड़ी दीपक को बाय.... कर रही थी। दीपक के  आंखों से ओझल होने के बाद रानी घर के अंदर आ गई। नाश्ता ढकने के बाद रानी बाथरूम में नहाने चली गई।

नहाने के बाद रानी ने मंदिर में जा कर पूजा पाठ किया। और फिर घर का काम निपटाया, खाना बनाया और खा पी कर आराम करने चली गयी।क्योंकि दीपक तो अभी शाम को ही घर आएगा। रानी घर पर अकेली थी, उसने कुछ देर

टेली विजन चलाकर देखा और फिर सो गई। शाम को 4:00 बजे उसके फोन की घंटी बज रही थी। फोन की घंटी सुनकर रानी की आंख खुल गई। रानी ने उठकर देखा फोन किसका है? फोन दीपक का था। रानी ने फोन उठाया, दीपक से बात की, तो दीपक ने बताया कि मैं आज जल्दी घर आ रहा हूं। तुम चाय बना कर रखो और तैयार हो जाओ हम कहीं घूमने चलेंगे। रानी दीपक की बात सुनकर बहुत खुश हो गई,और तुरंत उठकर उसने चाय बनाने रखी। दूसरी तरफ बहुत तैयार होने लगी। वह अभी तैयार हो ही रही थी कि दरवाजे की घंटी बजी। रानी ने दौड़ कर दरवाजा खोला, तो दीपक दरवाजे पर खड़ा था। दीपक अंदर आया तो सबसे पहले रानी ने चाय ला कर दी। दोनों ने ड्राइंग रूम में बैठकर चाय पी और रानी से जल्दी करने को कहा- रानी लगभग तैयार हो चुकी थी। उसने दीपक से पूछा- कि हम लोग कहां घूमने चल रहे हैं? तो दीपक ने कहा-हमारे शहर में एक नया मॉल खुला है, हम लोग वही घूमने चलते हैं। और कुछ अच्छा लगेगा, तो खरीदारी भी कर लेंगे।खरीदारी के नाम से तो रानी फूली नहीं समाई। जल्दी से तैयार होकर दीपक के साथ घूमने को निकल पड़ी।

कुछ ही देर में दीपक और रानी मॉल के सामने थे गाड़ी से उतरकर दीपक ने गाड़ी पार्क की और वह दोनों मॉल के अंदर गए मॉल के अंदर जाते ही रानी की नजर एक छोटे बच्चों के कपड़ों की दुकान पर पड़ी। वहां छोटी छोटी फ्रॉक देखकर रानी का मन मचल गया। उसे तुरंत श्रेया की बेटी की याद आ गई,और उसने दीपक से कहा-हम इस दुकान में चलते हैं। दीपक बोला-  हम लोग क्या करेंगे इस दुकान में जाकर हमारे तो बच्चे ही नहीं हैं। तब रानी ने दीपक से कहा-  कि नहीं हम लोग इस दुकान में चलते हैं और श्रेया के बच्चे के  लिए कपड़े खरीदेंगे। वह तो छोटी है ना, दीपक रानी की यह बात सुनकर दीपक के मन में भी कुछ भाव जागृत हुए। दीपक और रानी उस दुकान के अंदर चले गए। दुकान के अंदर जाकर रानी ने दुकानदार से एक छोटी बच्ची के लिए सामान दिखाने के लिए कहा- दुकानदार ने छोटे बच्चे के लायक बहुत सारा सामान दिखाया। रानी सारा सामान देख देख कर बहुत खुश हो रही थी। रानी और दीपक ने बहुत सारा सामान पसंद कर लिया। उन दोनों ने सोचा कि इसमें से जो सामान उस बच्ची के काम आए वही सामान हम लोग खरीदेंगे। क्योंकि बिना मतलब का सामान लेने से क्या फायदा। तो जो सामान उन लोगों ने पसंद किया था उसमें से कई चीजें हटा दी। और जो चीजें उस बच्ची के लिए जरूरी थी वही चीजें दीपक और रानी ने खरीद ली। दीपक बिलिंग कराने चला गया था, और रानी......... 

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12 Comments

दशला माथुर

20-Sep-2022 02:35 PM

Nice post

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Mithi . S

18-Sep-2022 04:35 PM

Very nice

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Chetna swrnkar

18-Sep-2022 11:59 AM

बहुत सुंदर 👌👏

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